Description
Green Hardcover Tangkhul Naga Language New Testament – Kadhar Tuingashit / Rare 1972 Historical Bible
Condition: Used – Very Good
Publisher: Bible Society in India
Language: Tangkhul Naga
Pages: 518
Edition: 1972
Binding: Green Hardcover, Red Edges, 1 Ribbon
Product Features
- Language: Tangkhul Naga (Kadhar Tuingashit)
- Binding: Green Hardcover with Red Edges
- Ribbon Marker: 1 Ribbon for convenient reading
- Publication Year: 1972 – Rare, historical edition
- Condition: Used – Very Good
- Publisher: Bible Society in India
- Pages: 518
Overview
This rare and historical edition of the Tangkhul Naga Language New Testament, also known as Kadhar Tuingashit, is a valuable spiritual resource for readers and collectors alike. Published in 1972 by the Bible Society in India, it features a green hardcover design with elegant red-edged pages, making it a standout piece for those who appreciate both the physical beauty and the spiritual depth of scripture. Tangkhul Naga is a language spoken predominantly in the Northeast region of India, and this New Testament edition serves as an important cultural and religious artifact.
The book's binding is enhanced with a ribbon marker, allowing readers to easily track their place as they reflect on the teachings of Christ in their native language. This rare edition is perfect for those interested in historical Christian texts and is an excellent addition to any collection or library.
Interesting Facts
- The Tangkhul Naga people primarily reside in the state of Manipur, India, and their language, Tangkhul Naga (Kadhar Tuingashit), has a rich cultural history.
- This New Testament was published in 1972, a time when Bible translations were expanding to reach various tribal languages in India.
- The Bible Society of India has played a key role in translating the Bible into numerous Indian languages, including Tangkhul Naga, to ensure accessibility for different linguistic groups.
Publishers
Bible Society in India
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Tangkhul Naga Translation
ग्रीन हार्डकवर तांगखुल नागा भाषा नव नियम – काधर तुइंगाशित / दुर्लभ 1972 ऐतिहासिक बाइबिल
स्थिति: प्रयुक्त – बहुत अच्छा
प्रकाशक: बाइबल सोसाइटी इन इंडिया
भाषा: तांगखुल नागा
पृष्ठ संख्या: 518
संस्करण: 1972
बाइंडिंग: ग्रीन हार्डकवर, लाल किनारे, 1 रिबन
उत्पाद की विशेषताएँ
- भाषा: तांगखुल नागा (काधर तुइंगाशित)
- बाइंडिंग: ग्रीन हार्डकवर लाल किनारों के साथ
- रिबन मार्कर: पढ़ने के लिए सुविधाजनक 1 रिबन
- प्रकाशन वर्ष: 1972 – दुर्लभ, ऐतिहासिक संस्करण
- स्थिति: प्रयुक्त – बहुत अच्छा
- प्रकाशक: बाइबल सोसाइटी इन इंडिया
- पृष्ठ संख्या: 518
अवलोकन
यह तांगखुल नागा भाषा में दुर्लभ और ऐतिहासिक संस्करण नव नियम, जिसे काधर तुइंगाशित के नाम से भी जाना जाता है, पाठकों और संग्रहकर्ताओं के लिए एक मूल्यवान आध्यात्मिक संसाधन है। 1972 में बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित, यह एक सुंदर हरे रंग के हार्डकवर डिज़ाइन के साथ आता है जिसमें लाल किनारों के पृष्ठ होते हैं। यह संस्करण उन लोगों के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प है जो पवित्र शास्त्र के भौतिक सौंदर्य और आध्यात्मिक गहराई की सराहना करते हैं।
इस पुस्तक की बाइंडिंग में एक रिबन मार्कर भी है, जिससे पाठकों को अपने स्थान को ट्रैक करने में आसानी होती है। यह दुर्लभ संस्करण ऐतिहासिक ईसाई ग्रंथों में रुचि रखने वालों के लिए आदर्श है और किसी भी संग्रह या पुस्तकालय में एक बेहतरीन जोड़ होगा।
रोचक तथ्य
- तांगखुल नागा लोग मुख्य रूप से भारत के मणिपुर राज्य में रहते हैं, और उनकी भाषा तांगखुल नागा (काधर तुइंगाशित) समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास से भरी है।
- यह नव नियम 1972 में प्रकाशित हुआ था, एक ऐसा समय जब बाइबिल अनुवाद भारत की विभिन्न जनजातीय भाषाओं तक पहुँच रहे थे।
- बाइबल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने तांगखुल नागा सहित कई भारतीय भाषाओं में बाइबल के अनुवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, ताकि विभिन्न भाषाई समूहों के लिए इसकी पहुँच सुनिश्चित हो सके।
प्रकाशक
बाइबल सोसाइटी इन इंडिया